पढ़िए अंतर्राष्ट्रीय कायस्थ काव्य मंच द्वारा माँ विषय आधारित काव्य प्रतियोगिता में श्रीमती सीमा श्रीवास्तव की रचना
ममता का आंचल लहराता है, फूलों की बरसात होती है। जब भी मैं तनहा होती हूं तो, मेरी मां मेरे साथ होती है। गृहस्थी की बगिया में गुलाब बन कर रातों में मेरे साथ ख्वाब बन कर मेरे हर सवाल का जवाब बन कर मेरे होंठों पर अल्फ़ाज़ बन कर मेरे हौसलों की परवाज़ बन … Read more