पर्यावरण दिवस पर मेरे भाव रचना के माध्यम से आप तक पहुंचा रही हूं|
विषय–हमारा पर्यावरण
कितनी प्यारी धरती, कितना सुन्दर गगन
बाहर निकल कर देखो,अपना पर्यावरण|
सूरज निकला है सिदूंरी,फैला नवल
प्रकाश
पंख पसारे चिडि़या देखो,उड़़ती है
आकाश
कल-कल करती नदियां, ठहरा नीला समुन्दर
धरती ने ओढी देखो, धानी सी चुनर|
कितनी सुंदर धरती,कितना सुन्दर गगन
बाहर निकल कर देखो,अपना पर्यावरण
रंग-बिरंगी फूलों से ,महक रहा उपवन
उड़़ती -फिरती तितली, ये भंवरों का गुंजन
ध्यान रखो,सहेजो ,करो पानी का सींचन
बचा रहे जीवन दायी ,ये अपना पर्यावरण|
कितनी सुंदर धरती,कितना सुन्दर गगन
बाहर निकल कर देखो,अपना पर्यावरण |
श्रीमती सुषमा श्रीवास्तव ‘सजल’
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