अन्याय और अत्याचार के खिलाफ आजीवन चलती रही गणेश शंकर विद्यार्थी जी की कलम – प्रेम कुमार श्रीवास्तव

पत्रकारिता के पितामह थे विधार्थी जी – अरूण कुमार श्रीवास्तव गाज़ीपुर (उत्तरप्रदेश) -कल दिनांक 25अक्टूबर को अखिल भारतीय कायस्थ महासभा गाजीपुर के तत्वावधान में महान क्रांतिकारी,निडर और निष्पक्ष पत्रकार और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी गणेश शंकर विद्यार्थी जी की जयंती की पुर्व संध्या पर महासभा के जिलाध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में महासभा के संगठन … Read more

कायस्थ समाज के महान गीतकार व कवि गोपाल दास ‘नीरज’ जी की पुण्यथिति पर उन्हें शत शत नमन…

महान गीतकार व कवि गोपाल दास ‘नीरज’ जी की पुण्यथिति पर उन्हें शत शत नमन… वेद आशीष श्रीवास्तव – 19/07/2024 कायस्थ समाज वेब पोर्टल पर आज हम बात करेंगे कायस्थ समाज के एक ऐसे गीतकार के बारे में जिसने 94 साल हिन्दुस्थान पर राज किया और हमारे समाज को गौरवान्वित किया l जो मुशायरों और कवि सम्मेलनों … Read more

देश की उभरती हुई साहित्यकार कानपुर निवासी त्रिशिका श्रीवास्तव ‘धरा’ की किताब इब्तिदा-ए-ग़ज़ल अमेज़न पर आज ही खरीदें

रचनाकार का परिचय : देश की उभरती हुई साहित्यकार कानपुर निवासी त्रिशिका श्रीवास्तव ‘धरा’ का जन्म 1 सितम्बर 2002 को कानपुर (उ.प्र.) में हुआ। पिता का नाम श्री कृष्ण कुमार श्रीवास्तव जो सरकारी विभाग पी.डब्लू.डी. में मुलाज़िम थे l जब यह 16 वर्ष की थी तब ही इनके पिता का देहांत हो गया। इनकी माता … Read more

पढें मेरी कविता शीर्षक है : “माँ” – श्वेता श्रीवास्तव, मऊ, उत्तरप्रदेश

“माँ सबसे छोटा शब्द… बोलू तो एक पल लगता है,  मेहसूस करूँ तो हर साँस महकती है, समझना चाहूं तो जिंदगी कम लगती है…  माँ एक ऐसी दर्पण है,  जिसकी परछाई हूं मैं…  माँ एक ऐसी समर्पण है,  जिसकी मात्र एक इकाई हू मैं… जिंदगी के हर मुश्किल का हल है माँ… जिंदगी के तपति … Read more

पढ़िए अंतर्राष्ट्रीय कायस्थ महिला काव्य मंच पर वरिष्ठ लेखिका उषा सक्सेना की कलम से आलेख :- बुंदेली भाषा का उद्भव और विकास

बुंदेली भाषा का उद्भव और विकास :- भारत के मध्य क्षेत्र में स्थित बुंदेल खंड के विंध्य-क्षेत्र में बोली जाने वाली इस भाषा का नाम बुंदेली है ।जो की अपने प्राचीन काल से बोली जा रही है।अपने ठेठ बुंदेली के शब्द अनूठे और अपने रस मे सराबोर करने वाले हैं ।अन्य भाषाओं की तरह बुंदेली … Read more

रचनाकार का परिचय: मृदुभाषी और सहज स्वभाव से धनी श्रीमती सुषमा श्रीवास्तव ‘सजल’ l लेखन विषय – कविता, मुक्तक, लोक गीत, दोहा, भजन, सामाजिक, धार्मिक

रचनाकार का परिचय श्रीमती सुषमा श्रीवास्तव ‘सजल’ पति स्व. श्री ए.के. श्रीवास्तव दो बेटे- अमित श्रीवास्तव म.प्र.वि. मंडल भोपाल अतुल श्रीवास्तव IDBI बैक मुम्बई पिता- श्री पी.डी.श्रीवास्तव माता- श्रीमती मिथलेश श्रीवास्तव शिक्षा – बी.ए. दो वर्ष का आयुर्वेद डिप्लोमा संपर्क सूत्र- 7566972769 भोपाल, मध्यप्रदेश 15 वर्ष तक प्राईवेट स्कूल मे शिक्षिका के रुप मे कार्यरत … Read more

पढ़िए अंतर्राष्ट्रीय कायस्थ महिला काव्य मंच पर युवा कवियित्री पल्लवी श्रीवास्तव की रचना : मेरे महादेव

“मेरा महादेव” मेरा महादेव आद्यशक्ति तथा काल ब्रह्मा नंदन हैं, गणेश और कार्तिकेय हमारे महादेव-पार्वती नंदन हैं। कर में त्रिशूल, जटा में गंगा, कंठ में, विष का प्याला हैं जो चाहे मांग लो इससे, मेरा महादेव, बडा भोला-भाला हैं विश्वामित्र का ज्ञान भी, शिव हैं, परशुराम का मान भी, शिव हैं कृष्ण-सुदर्शन में भी, शिव … Read more

भीमसेनी निर्जला एकादशी के अवसर पर पढ़िए अंतर्राष्ट्रीय कायस्थ महिला काव्य मंच पर वरिष्ठ लेखिका उषा सक्सेनाकी कलम से

भीमसेनी निर्जला एकादशी:  ज्येष्ठमाह शुक्ल पक्ष की यह एकादशी वर्ष की चौबीस एकादशियों में सबसे महत्वपूर्ण है । नौतपा के ताप के मध्य इस एकादशी का होना व्रतधारी मानव की सबसे कठिन परीक्षा है।इसमें आप जल भी नहीं पी सकते इसीलिये इसे निर्जला एकादशी कहते हैं । एक बार जब पाडव द्यूत क्रीड़ा में सबकुछ … Read more

गंगा दशहरा के अवसर पर पढ़िए अंतर्राष्ट्रीय कायस्थ महिला काव्य मंच पर उषा सक्सेना, भोपाल की कलम से

गंगा दशहरा मानों तो गंगा मांँ है, ना मानो तो बहता पानी.. आज ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष की दशमी को महाराज दिलीप के पुत्र भागीरथ अपने पिता की मृत्यु के पश्चात कठोर तपस्या के बल पर ब्रह्मा जी एवं शिव जी को प्रसन्न करने के पश्चात धरा पर लाये । उनको धरा पर लाने का … Read more

सभी सखियों को गंगा दशहरे की हार्दिक शुभकामनाये | अपनी रचना के माध्यम से मन के भाव आप तक पहुंचा रही हूं | – श्रीमती सुषमा श्रीवास्तव ‘सजल’

गंगा मैया पवित्र पावनी गंगा मैया,करती सबका उद्धार शरण में जो भी आता मैया ,करती बेड़ा पार 1)भागीरथ के तप से मैया,इस धरती पर आयी देख वेग मैया का,शिव ने जटा मे धायी लहर -लहर गंगा,हर्षित धरती हुई अपार पवित्र पावनी गंगा मैया——- 2)गौ मुख से आरम्भ मैया ,गंगा सागर में जा समायी बह्मा, विष्णु,महेश … Read more