FATHERS DAY : पढ़िए अंतर्राष्ट्रीय कायस्थ महिला काव्य मंच पर बिहार, अरेराज से पल्लवी श्रीवास्तव की रचना “पिता”
“पिता” मेरी साहस, मेरी हिम्मत, मेरी पहचान है पिता पिता एक उम्मीद हैं, एक आस है परिवार की हिम्मत और विश्वास है। जीवन का आधार है पिता, पिता रोटी हैं, कपड़ा है, मकान है खुशियों की चाभी है पिता, माँ घर का गौरव, तो पिता घर का अस्तित्व है। माँ की सिन्दूर और बिन्दी है … Read more