Category: Uncategorized
-
भारत के प्रसिद्ध लेखक, उपन्यासकार, नाटककार, आलोचक तथा व्यंग्यकार कायस्थ कुल गौरव मुद्राराक्षस – सुहास वर्मा जी की पुण्यतिथि पर सादर श्रद्धा सुमन
मुद्राराक्षस – सुहास वर्मा जन्म- 21 जून, 1933, लखनऊ; मृत्यु- 13 जून, 2016 भारत के प्रसिद्ध लेखक, उपन्यासकार, नाटककार, आलोचक तथा व्यंग्यकार थे। उनके साहित्य का अंग्रेज़ी सहित दूसरी भाषाओं में भी अनुवाद हुआ है। वे अकेले ऐसे लेखक थे, जिनके सामाजिक सरोकारों के लिए उन्हें जन संगठनों द्वारा सिक्कों से तोलकर सम्मानित किया गया…
-
मेधावी छात्र सम्मान के लिए कायस्थ समाज के वेब पोर्टल पर प्रवष्टि भरें और साथ ही देखे समाज के मेधावी छात्र-छात्राओं की चित्र सहित सूची
सार्वदेशिक कायस्थ युवा प्रतिनिधि संस्था एवं कायस्थ समाज वेब पोर्टल टीम की ओर से 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षा 2023 में उत्कृष्ट प्रदर्शन करनेवाले छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहित और पुरुस्कृत करने के लिए मेधावी छात्र सम्मान समारोह का आयोजन किया जा रहा है। मेधावी छात्र सम्मान समारोह में उन सभी विद्यार्थियों को सम्मानित किया जाता…
-
की की दीवार पर मिलेगा सब : पहनने, ओढ़ने, बिछाने के कपड़े, किताबें, खिलौना, बर्तन एवं दवाइयां, क्रॉकरी, फर्नीचर आदि
अपने एक कहावत सुनी होगी ‘नेकी कर दरिया में डाल’ इस कहावत को बदल कर कायस्थ समाज के लोगों नेकी को दरिया में नहीं नेकी की दीवारों पर देने का आव्हान किया । भोपाल के चित्रगुप्त मंदिरों पर नेकी की दीवार बनाई गई है। जहां से अब कई बेसहारों को मदद मिलेगी। इसका स्लोगन दिया…
-
मिशन कायस्थ जोड़ों के अंतर्गत सार्वदेशिक कायस्थ युवा प्रतिनिधि संस्था की पहल पर कायस्थ समाज महासंपर्क अभियान की शुरुआत
कायस्थ समुदाय की विरासत गरिमामयी रही है। हम सब इसी भाव से ओत प्रोत हैं। इस गौरव पूर्ण इतिहास को वर्तमान की आधार शिला बनाकर अगली पीढ़ी को उज्जवल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करें। इस उद्देश्य से मिशन कायस्थ जोड़ों के अंतर्गत सार्वदेशिक कायस्थ युवा प्रतिनिधि संस्था की पहल पर कायस्थ समाज महासंपर्क अभियान की…
-
पढ़िए अंतर्राष्ट्रीय कायस्थ काव्य मंच पर प्रसिद्ध कवि गिरिजा कुमार माथुर की जीवन-संगिनी, शकुंत माथुर की रचना
ये हरे वृक्ष यह नई लता खुलती कोंपल यह बंद फलों की कलियाँ सब खुलने को, खिलने को, झुकने को होतीं स्वयं धरा पर। धूल उड़ रही, धूल बढ़ रही, जबरन रोकेगी यह राह अपनी धाक जमा कर ज़ोर जमा कर आँधी। तोड़ रही कुछ हरे वृक्ष सब नई लता— ये परवश हैं इस धरती…
-
पढ़िए अंतर्राष्ट्रीय कायस्थ काव्य मंच पर नई पीढ़ी की कवयित्री अलंकृति श्रीवास्तव जबलपुर की रचना। गहराई
पढ़िए अंतर्राष्ट्रीय कायस्थ काव्य मंच पर नई पीढ़ी की कवयित्री अलंकृति श्रीवास्तव जबलपुर की रचना। गहराई गहराई आकाश नीला था, नीला मेरा पसंदीदा रंग मुझे आकाश से प्रेम हुआ, मैंने उसे चूमना चाहा, पर आकाश दूर था मैंने कहा पास आओ— मैं तुम्हें चूमना चाहती हूँ आकाश चुप रहा फिर कक्षाएँ जो चलती ही रहती…
-
Kayastha News Bhopal : धर्मराज श्री चित्रगुप्त की जयंती पर विशेष – उषा सक्सेना, भोपाल मध्यप्रदेश
वैशाख माह शुक्ल पक्ष की सप्तमी का हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण स्थान है ।आज के दिन ही धर्मराज के द्वारा मृत्यु लोक के जीवों के कार्यों के आधार पर उनको न्याय पूर्वक दंडित करने का एकमात्र अधिकार केवल यमराज को ही था किंतु वह सही ढंग से जीवों की संख्या बढ़ जाने के कारण निर्ण…
-
पढ़िए अंतर्राष्ट्रीय कायस्थ काव्य मंच पर दस महीने बाद माँ के घर ..मेरा देवघर – रानी सुमिता
दस महीने बाद माँ के घर ..मेरा देवघर झुके झुके आ रहे अमलतास के फूल ट्रेन की खिड़की से विह्ल नजरों से ताक रहे, सिन्दूरी आभा लिए उतर रही है वही साँवली पहाड़न शाम आज कितनी उदास ! नीले गगन में छितराये हैें बौराये से केसरिया बादल जसीडीह में उतरना मन को निचोड़ रहा आज…
-
पर्यावरण दिवस की आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं पर्यावरण दिवस पर मेरे भाव- श्रीमती सुषमा श्रीवास्तव ‘सजल’ रचना के माध्यम से
पर्यावरण दिवस पर मेरे भाव रचना के माध्यम से आप तक पहुंचा रही हूं| विषय–हमारा पर्यावरण कितनी प्यारी धरती, कितना सुन्दर गगन बाहर निकल कर देखो,अपना पर्यावरण| सूरज निकला है सिदूंरी,फैला नवल प्रकाश पंख पसारे चिडि़या देखो,उड़़ती है आकाश कल-कल करती नदियां, ठहरा नीला समुन्दर धरती ने ओढी देखो, धानी सी चुनर| कितनी सुंदर धरती,कितना…
-
पढ़िए अंतर्राष्ट्रीय कायस्थ काव्य मंच पर स्वास्थ्य दिवस पर आधारित उषा सक्सेना, भोपाल की रचना
बंधन सात फेरों का बंधन जुड़ा ऐसा गठबंधन सात जन्मों का बंधन प्रीति का है अनु बंधन । कभी न. जाये ये तोड़ा किसी से जाये ना छोड़ा रहेंगे सदा ही संग हम कभी ना छूटे यह संग । जनम हम जब भी लेंगे तुम्हारे ही संग में होंगे प्रीति का रंग है गहरा लगे…