अपने एक कहावत सुनी होगी ‘नेकी कर दरिया में डाल’ इस कहावत को बदल कर कायस्थ समाज के लोगों नेकी को दरिया में नहीं नेकी की दीवारों पर देने का आव्हान किया । भोपाल के चित्रगुप्त मंदिरों पर नेकी की दीवार बनाई गई है। जहां से अब कई बेसहारों को मदद मिलेगी। इसका स्लोगन दिया गया है,अगर आपके पास जो अधिक है तो यहां पर दें और अगर नहीं है तो यहां से लें।
नेकी की दीवार पर मिलेगा सब : अगर आपके घर में पुराने पहनने, ओढ़ने, बिछाने के कपड़े, किताबें, खिलौना, बर्तन एवं दवाइयां, क्रॉकरी, फर्नीचर आदि जो भी है, जिसका आप प्रयोग नहीं कर रहे हैं और वह शहर के जरूरतमंदों के काम आ जाए। तो आप उक्त सामान को ‘नेकी की दीवार को दे दीजिए। यहां से जरूरतमंद आकर खुद इन्हें ले जाएंगे। कपड़े टांगने के लिए यहां खूंटियां लगी होती हैं। इसके अलावा बर्तन आदि अन्य सामान रखने के लिए नीचे जगह बनाई गई है। यहां जरूरतमंद आकर अपनी जरूरत के हिसाब से कोई भी चीज ले सकता है। नेकी की यह दीवार उन लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है जो गरीबी रेखा से नीचे जीवन व्यतीत कर रहे हैं। अपने स्वाभिमान के कारण किसी के सामने हाथ नहीं फैलाते। जरूरतमंद लोग यहां आकर अपनी जरूरत के हिसाब से चीजें ले सकते हैं।