मैं उन महापुरुषों का वंशधर हूँ, जिनके चरण कमलों पर प्रत्येक ब्राह्मण यमाय धर्मराजाय चित्रगुप्ताय वै नमः का उच्चारण करते हुए पुष्पांजलि प्रदान करता है और जिनके वंशज विशुद्ध रूप से क्षत्रिय हैं। यदि अपने पुराणों पर विश्वास हो तो, इन समाज सुधारकों को जान लेना चाहिए कि मेरी जाति ने पुराने जमाने में अन्य सेवाओं के अतिरिक्त कई शताब्दियों तक आधे भारत पर शासन किया था। यदि मेरी जाति की गणना छोड़ दी जाये, तो भारत की वर्तमान सभ्यता शेष क्या रहेगा? अकेले बंगाल में ही मेरी जाति में सबसे बड़े कवि, इतिहासवेत्ता, दार्शनिक, लेखक और धर्म प्रचारक हुए हैं। मेरी ही जाति ने वर्तमान समय के सबसे बड़े वैज्ञानिक (जगदीश चन्द्र बसु) से भारतवर्ष को विभूषित किया है। स्मरण करो एक समय था जब आधे से अधिक भारत पर कायस्थों का शासन था। भारत में देवपाल गौड़ कायस्थ राजवंश तथा मध्य भारत में सातवाहन कायस्थ राजवंश सत्ता में रहे हैं। अतः हम सब उन राजवंशों की संतानें हैं। हम केवल बाबू बनने के लिये नहीं, अपितु हिन्दुस्तान पर प्रेम, ज्ञान और शौर्य से परिपूर्ण उस हिन्दू संस्कृति की स्थापना के लिये पैदा हुए हैं। – स्वामी विवेकानन्द
स्वामी विवेकानन्द ने अपनी जाति की व्याख्या कुछ इस प्रकार की है:
- kayasthanews
- June 7, 2024
- 3:16 pm
- No Comments
👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें
kayasthanews
कायस्थ न्यूज़ पोर्टल आपके मोबाइल पर केवल एक क्लिक पर दुनिया भर की ख़बरों तक आसान पहुंच प्रदान करता है। जिससे कायस्थ समाज के विभिन्न विषयों पर हर एक समाचार प्राप्त कर सकते हैं।
www.kayasthanews.in WhatsApp No. 9111003337