दिल्ली – आज कायस्थ समाज भले ही पीछे हो गया हो क्योंकि इस समाज ने कभी भी जातीयता नहीं की और इनका कार्य सर्व समाज को आगे ही बढ़ाने का रहा है और इसके लिए कायस्थ समाज के विभूतियों पर नजर डालने की आवश्यकता है जिनकी जिंदगी सर्व समाज पर ही अर्पण रही लेकिन उनसे गलती ये हुई कि उन्होंने अपने समाज के लोगों के उत्थान पर ध्यान नहीं दिया। स्वामी विवेकानंद जैसे महान विभूति ने हिन्दुत्व की परचम लहराया तो जय प्रकाश नारायण ने समाजवाद की पताका को बुलंद किया और नेताजी सुभाष चंद्र बोस तो उससे भी बढ़कर आगे निकले जिन्होंने पूरे भारतीय को एक समझा लेकिन अपने समाज की उन्नति के लिए विशेष रूप से किसी ने काम किया।
उन महान विभूतियों की कमी से सीख लेते हुए आज कायस्थ समाज के लोंगो को अपने समाज पर विशेष ध्यान देते हुए सर्व समाज के लिए काम करने होंगे और कुछ ऐसा फिर से करना होगा कि सर्व समाज आपके पीछे चले। और दुष्ट समाज से दूरी भी रखनी होगी क्योंकि दुष्ट किसी न हुआ है और न होगा। इसके लिए समाज के भामाशाहों (आर्थिक रूप से मजबूत व्यक्तियों) को अपने धन का पिटारा खोलकर समाज के नवयुवकों को समाज सशक्तीकरण के साथ राष्ट्र सशक्तिकरण के लिए कार्य करने होंगे और सभी कायस्थ संगठनों सहित सभी कायस्थों को एक छतरी के नीचे आना होगा।
कायस्थों तुम अपनी ताकत को पहचानों औऱ अपनी करनी से सीख लो कि कल के राजा आज निचले पायदान पर क्यों चले गए हैं। तुम्हें प्रत्येक क्षेत्र में मजबूती के लिए आज कायस्थों को काम करना होगा अपनी स्वार्थपरता को त्यागकर।
आज आपकी हालत पिछलग्गूओं जैसी हो गई है जिससे न आपके लोंगो को लीडींग पार्टी ने टिकट दे रही है और न ही कैबिनेट में स्थान। अन्य पार्टियों में भी गिने चुने लोंगो को ही टिकट मिल रहे हैं इसलिये राजनैतिक रूप से भी आपको स्वावलंबी बननी है और अपने कार्यो से सर्व समाज के लोगों से भी लोहा मनवानी है।
ख्याली पुलाव घर में बैठकर मत पकाते रहो अपितु योजनाबद्ध तरीके से कार्य करो निश्चित रूप से सफलता कदम चुमेगी।
जय हिंद
– अजीत सिन्हा
Post Views: 180