भारत की आज़ादी से लेकर भारत के संविधान तक सबसे अधिक योगदान देने वाली कायस्थ जाति को आज कोई महत्त्व नहीं ….

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भारत की आज़ादी से लेकर भारत के संविधान तक सबसे अधिक योगदान देने वाली कायस्थ जाति को आज कोई महत्त्व नहीं ….
जातिय संरचना से निकला संदेश: नरेंद्र मोदी की तीसरी सरकार में बीजेपी ने जातीय गणित का भी ध्यान रखा है. मंत्रिमंडल में सामान्य वर्ग के 28 सदस्य हैं. इनमें आठ ब्राह्मण और तीन राजपूत शामिल हैं. इनके अलावा भूमिहार, यादव, जाट, कुर्मी, मराठा, वोक्कालिगा समुदाय से दो-दो मंत्री बनाए गए हैं. सिख समुदाय के दो लोगों को मंत्री बनाया गया है. कर्नाटक के लिंगायत समुदाय के साथ-साथ निषाद, लोध और महादलित वर्ग के एक-एक व्यक्ति को मंत्री बनाया गया है. बंगाल के प्रभावशाली मतुआ समाज को भी जगह दी गई है. इनके अलावा अहीर, गुर्जर, खटिक, बनिया वर्ग को भी एक-एक बर्थ दी गई है. सवर्ण वर्ग को बीजेपी का कोर वोटर माना जाता है. इसलिए उनको प्रमुखता से कैबिनेट में जगह दी गई है. वहीं चुनाव में लगे झटके के बाद बीजेपी ने बाकी वर्गों को भी जगह देने की कोशिश की है l

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