औरंगाबाद इस देश का दुर्भाग्य है कि आज सारा कुछ जाति के आधार पर ही तय हो रहा हैं lसरकारी नीतियां भी इसी आधार पर बना रही है और राजनीतिक पार्टियों का संचालन भी जाति के आधार पर हो रहा है. ऐसी स्थिति में कायस्थों की हालत अत्यंत ही जर्जर हो गई है,राजनीति में तो कायस्थ समाज विलुप्त होने के मुकाम पर पहुंच गया हैl देश में कई कई अखिल भारतीय कायस्थ महासभा चल रहा है और इस जाति समाज के नाम पर देश में हजारों संगठन के लेटर पैड जरूर मौजूद हैं. किंतु धरातल पर समाज के सभी क्षेत्रों में उन्नति के लिए एक भी संगठन सक्रिय नहीं है, ऐसी विषम परिस्थिति में मध्य प्रदेश के अंतर्गत ग्वालियर के श्री राकेश श्रीवास्तव ने देश के संवेदनशील लोगों के साथ मिलकर व्हाट्सएप एवं फेसबुक पर “कायस्थ समाज भारत” का निर्माण किया है, जिसके संवेदनशील सदस्यों के द्वारा देश के विभिन्न कोने में समाज के अत्यंत कमजोर,बीमार,लाचार व्यक्तियों को इलाज के लिए यथासंभव आर्थिक मदद की जा रही है तथा रोजगार खड़ा करने के लिए भी यथाशक्ति मदद की जा रही है l
लेकिन समाज में इतनी गरीबी और लाचारी है कि यह मदद प्राप्त नहीं है, किंतु प्रशंसनीय है और इस निराशा के क्षण में समाज के लोगों में एक विश्वास उत्पन्न किया है भरोसा उत्पन्न किया है जिसके लिए मैं कायस्थ समाज भारत के मुख्य संचालक श्री राकेश श्रीवास्तव, ग्वालियर सहित सभी माननीय सदस्यों का हार्दिक अभिनंदन करता हूँ l
मैं इस ग्रुप के मुख्य संचालक एवं सभी माननीय सदस्यों से अनुरोध करना चाहता हूं कि समाज के बेहतरी के लिए इस संगठन का ट्रस्ट के रूप में रजिस्ट्रेशन तत्काल कराने का कष्ट करें ताकि संगठन के पास अपना निजी को श हो तत्काल जरूरत पड़ने पर जरूरतमंदों की मदद हो सकेl समाज में समस्याएं अनंत है इसके समाधान के लिए देश के सभी राज्य सभी जिले में इस संगठन को सशक्त करने की आवश्यकता हैl प्रतिभावान गरीब छात्रों को जुडिशल एवं प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी के लिए ऑनलाइन कोचिंग की व्यवस्था की जानी चाहिए तथा छोटे-छोटे रोजगार के लिए प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जानी चाहिए जब संगठन हर जगह बन जाएगा सशक्त हो जाएगा तो बैंकों पर दबाव बनाकर आसानी से ऋण प्राप्त किया जा सकते हैं ताकि कारोबार को खड़ा किया जा सकेl देश में लोक लोकतांत्रिक व्यवस्था है जिसे अंतर्गत चुनाव होते हैं और चुनाव के माध्यम से सरकार बनती है जिसमें आज कायस्थों की भूमिका नहीं हो पा रही है जिसके लिए आवश्यक है यह संगठन विधानसभा चुनाव में लोकसभा चुनाव में अपने समाज के राजनीतिक कार्यकर्ता को खड़ा करें वह किसी भी पार्टी का हो यदि वह गरीब है पर समाज के सवाल पर संघर्षरत है तो चुनाव में उसकी आर्थिक मदद की जानी चाहिएl आजादी की लड़ाई में पूरे देश में सभी जातियों से ज्यादा इस समाज के लोगों ने अपनी कुर्बानी दी है यातना सही है देश के आजादी के बाद भी राजनीति में महत्वपूर्ण पदों पर रहकर राष्ट्र की सेवा की है ऐसे महापुरुष एवं महिला इतिहास के कूड़ेदान में फेंक दिए गए हैं तो यह जवाब दे ही बनती है की इन सबों की स्मृति को जीवित रखने का मुहिम चलाया जाए ताकि वर्तमान युवा पीढ़ी एवं आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा मिल सके ऐसा करना बहुत आवश्यक हैl मैं स्पष्ट रूप से मानता हूं कि देश में जो अपने समाज के जातीय महासभा चल रहे हैं वह नकारा साबित हुए हैं उनसे उम्मीद करना फालतू है उसके जो राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं वह अपना और अपने परिवार के टिकट के लिए ही केवल जातीय संगठन के नाम पर वोट रखे हुए हैं ऐसे लोगों से समाज के लिए उम्मीद नहीं की जा सकती है ऐसी स्थिति में एकमात्र संगठन कायस्थ महासभा भारत ही दिखाई पड़ता है जिससे एक उम्मीद की किरण जगी हैl मैं अवगत कराना चाहूंगा कि विगत 1 वर्ष पहले पटना के वरिष्ठ पत्रकार एवं दस्तक प्रभात के संपादक श्री प्रभात वर्मा के बेटे का वाराणसी में एक्सीडेंट हो गया था और वह वाराणसी के ट्रामा सेंटर में एडमिट थे तो मेरे अनुरोध पर इस ग्रुप में उनकी यथाशक्ति आर्थिक मदद की थी l
इसी तरह से पिछले एक हफ्ता पहले बिहार का औरंगाबाद जिले के श्री विनय कुमार सिन्हा गंभीर अवस्था में बीमार पड़ के आईसीयू,औरंगाबाद में और बाद में मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल,गया में भर्ती रहे, तो मेरे अनुरोध पर इस ग्रुप के माननीय सदस्यों ने उनकी यथाशक्ति आर्थिक मदद की जिसके लिए मैं सभी माननीय सदस्यों का आभार व्यक्त करता हूं तथा अपील करता हूं कि इसे एक संगठन का रूप ट्रस्ट के रूप मे पंजीकृत कराया जाए,इसमें हमारे सक्रिय भागीदारी होगीl
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