Category: साहित्य
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पढ़िए अंतर्राष्ट्रीय कायस्थ महिला काव्य मंच पर उषा सक्सेना, भोपाल की रचना – नारी शक्ति
नारी शक्ति नारी शक्ति का स्वयं ही,असीमित स्त्रोत है देव भी जिसकी शरण में आकर,पाते मोक्ष हैं शक्ति है जिसके बिना शिव हैं यहाँ शव सदा। यदि वह कहे निर्बल हूँ तो,शक्तिवान फिर कौन ? नारी ही तो जननी बनकर जन्म पुरुष को देती है। संस्कार की घुटी पिलाकर वह उसका पोषण करती । माँ…