ईश्वर की अनुपम कृति है आंखे, जीवन को धन्य बनाती आंखे, देखती है दुनिया का नज़ारा, ऐसी अनमोल हमारी आंखे – सुषमा श्रीवास्तव

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ईश्वर की अनुपम कृति है आंखे,
जीवन को धन्य बनाती आंखे,
देखती है दुनिया का नज़ारा,
ऐसी अनमोल हमारी आंखे|

रहती है पलकों से सुरक्षित आंखे,
गोल मटोल,कटीली,आंखे,
देखकर  अपनो को तृप्त होती ,
शर्माती  लाज से झुक जाती आंखे|

मन के भाव बताती आंखे,
ईशारो से  समझाती आंखे,
सुन्दरता में चार चांद लगाती
खुशी पाकर खुश हो जाती आंखे|

सुहाने सपनें देखती आंखे,
प्रेम मे डूबी मदहोश आंखे,
दिल की हर बात बताती,
प्यार का इज़हार करती आंखे|

प्रिय की राह  निहारती आंखे,
थकी -थकी उस  नींदी आंखे,
लगती चोट दिल पर तो,
जागती रातों मे रोती आंखे|

देकर दान  पुन्य कमा लो आंखे,
हमारे जाने पर जीवित रहेगी आंखे,
किसी का घर रोशन करेगी
फिर से दुनिया सुषमा देखेगी आंखे

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