पढ़िए अंतर्राष्ट्रीय कायस्थ काव्य मंच पर उत्तरप्रदेश से श्वेता श्रीवास्तव की रचना

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होली आयी

होली आयी होली आयी,
रंग रंगीली होली आयी,
सतरंगी रंगों से लिपटी,
रंगों का त्योहार है आयी…

अपनों में ये प्यार बढ़ाने,
गैरों को भी गले लगाने,
आया सबमें प्यार लुटाने,
सबको रंग का खेल सिखाने…

होली आयी होली आयी,
रंग रंगीली होली आयी,
गोरे काले का भेद मिटाने,
सब पर अपना रंग चढ़ाने…

रंग के हैं रंग निराले,
गुझिया से स्वाद बढ़ाने,
हर तरफ गुलाल उड़े है,
आपस में बस प्यार बढ़े हैं…

होली आयी होली आयी,
रंग रंगीली होली आयी,
रंगों का त्योहार है आयी,
खुशियो का बौछार है लायी…

देव भूमि में उठी उमंगे,
रंगों के त्योहार पे…
हर तरह बस रंग उड़े है,
भक्तों के सैलाब के…

होली आयी होली आयी,
रंग रंगीली होली आयी,
घर को खुशियो से सजाने,
अपनों को है ये घर ले आयी…

बच्चे बुढ़े सभी रंगे है,
सतरंगी रंगों के रंग में,
आसमान भी रंगीन हो गया,
रंगों से लिपटी रंगभूमि देख के…

श्वेता श्रीवास्तव उत्तरप्रदेश

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