काठमांडू में कायस्थ पत्रकार समाज का प्रथम राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न
कायस्थ अनिल कर्ण और प्रबीण चौधरी ने अपनी आतिथ्य स्वागत से अतिथियों सह सभी कायस्थों को अभिभूत किया
काठमांडू – बहुत दिनों से प्रतिक्षित कायस्थ पत्रकार समाज की सम्मेलन जिसकी सपना कभी कायस्थसेवी अजीत सिन्हा ने देखी थी उस सपने को नेपाल के कायस्थों ने साकार किया जिसमें अनिल कर्ण कायस्थ, उपाध्यक्ष व अन्तर्राष्ट्रीय समन्वयक अखिल भारतीय कायस्थ महासभा एवं मिशन 2 करोड़ अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष और जुझारू पत्रकार प्रबिण चौधरी और नेपाल में बसे पत्रकार व कलमकारों की भूमिका बढ़चढ़कर रही।
सम्मेलन में प्रबिण चौधरी कायस्थ के नेतृत्व में 11 सदस्यीय केंद्रीय समिति गठित की गई जिसमें वे स्वयं अध्यक्ष के पद पर, जितेन्द्र श्रीवास्तव उपाध्यक्ष, शिल्पा कर्ण जी को महासचिव, अशोक श्रीवास्तव जी को सचिव, सुष्मिता कर्ण जी को कोषाध्यक्ष के पद पर आसीन किया गया और सदस्य /सदस्या के रूप में संतोष कुमार लाल कर्ण, राजभूषण श्रीवास्तव, अनिल वर्मा, सरिता कुमारी श्रीवास्तव, संतोष कर्ण चयनित किये गये।
समिति के संयोजक मुख्यमंत्री मंत्री के प्रेस सलाहकार अनिल कुमार कर्ण एवं सदस्य नंदभूषण श्रीवास्तव भी उपस्थित रहे।
सम्मेलन में भारत से कायस्थ न्यूज के सम्पादक, कायस्था चेतना सप्ताहिक समाचार पत्र के कार्यकारी सम्पादक आप की आवाज के उप सम्पादक, निष्पक्ष मीडिया फाउंडेशन के संरक्षक आदि मीडिया संस्थाओं से नाता रखने वाले और अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी बरिष्ठ पत्राकार कायस्थ गौरव अजीत सिन्हा,मिशन 2 करोड़ चित्रांश अन्तर्राष्ट्रीय के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेन्द्र कर्ण और जद यू के प्रवक्ता मनोज लाल दास मनु विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुये।
मुख्य अतिथि के रूप में 101 वर्षीय दिव्य शताब्दी पुरुष डॉ गौरी शंकर लाल दास कार्यक्रम में शामिल होकर अपने आर्शीवचनों से कायस्थों को अभिभूत किया।
कार्यक्रम में नेपाल सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायधीश माननीय गिरीश चंद्र लाल, नेपाल कायस्थ महासंघ के अध्यक्ष माननीय लोकेन्द्र मल्लिक, पूर्व सांसद वृषेश चंद्र लाल आदि ने शुभकामनायें व्यक्त की।
कार्यक्रम की समापन आयोजक प्रमुख अनिल कर्ण कायस्थ ने सभी आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त कर की।
इस कार्यक्रम में अखिल भारतीय कायस्थ महासभा, मिशन 2 करोड़ चित्रांश अन्तर्राष्ट्रीय, नेपाल कायस्थ महासभा सहित अन्य दो कायस्थों की संस्थाएं सहयोगी के तौर पर रहीं।
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