12 नवंबर 2024 को कांचीपुरम में होने जा रही राष्ट्रीय संगत पंगत जन जागरण रथ यात्रा का पांचवां चरण, एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक आयोजन होगा। यह यात्रा भारतीय समाज की सांस्कृतिक एकता और सामाजिक समरसता के प्रतीक के रूप में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। यह रथ यात्रा देश के विभिन्न क्षेत्रों से होकर गुजरते हुए महान व्यक्तित्वों की पुण्यतिथियों और जन्मतिथियों के अवसर पर आयोजित की जा रही है।
यात्रा के पहले चार चरणों में विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों और महापुरुषों के योगदान को स्मरण किया गया है। पांचवें चरण में कांचीपुरम, तमिलनाडु में यात्रा की समाप्ति होगी। इस यात्रा का उद्देश्य निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर केंद्रित है:
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सांस्कृतिक एकता और सामाजिक समरसता का संदेश:
यात्रा का मुख्य उद्देश्य देशभर में एकता, अखंडता और भाईचारे का संदेश फैलाना है। विभिन्न राज्यों और समुदायों के बीच सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देना और समाज में समरसता की भावना को जागृत करना इस यात्रा का प्रमुख लक्ष्य है।
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महान व्यक्तित्वों का सम्मान:
यात्रा का प्रत्येक चरण एक महान भारतीय व्यक्तित्व के योगदान को सम्मानित करने के लिए समर्पित है। इसमें स्वर्गीय भारत रत्न श्री लाल बहादुर शास्त्री जी, मुंशी प्रेमचंद्र, जयप्रकाश नारायण, और अन्य समाजसेवियों की पुण्यतिथियों के अवसर पर यात्रा आयोजित की गई है। कांचीपुरम में यात्रा का उद्देश्य प्रसिद्ध धार्मिक और सामाजिक चिंतक, स्वामी विवेकानंद और उनके अनुयायियों के योगदान को सम्मानित करना है।
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संगत पंगत के माध्यम से सामाजिक जागरूकता:
यात्रा के दौरान संगत पंगत कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें समाज के विभिन्न वर्गों के लोग एक साथ बैठकर भोजन करते हैं और समाज में समानता की भावना को प्रोत्साहित किया जाता है। यह एकता और समानता का प्रतीक है, जो समाज में भेदभाव की समाप्ति की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाता है।
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प्राचीन भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार:
यात्रा भारतीय संस्कृति, वेद, शास्त्रों और आदर्शों का प्रचार करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। यह भारतीय समाज की सांस्कृतिक धरोहर को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रही है, जिससे युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों से जुड़ने का अवसर मिले।
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समाज में सामाजिक और शिक्षा संबंधी जागरूकता लाना:
यात्रा के माध्यम से समाज के विभिन्न हिस्सों में शिक्षा, स्वच्छता, और सामाजिक कल्याण के महत्व पर बल दिया जा रहा है। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं और बच्चों के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।
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कांचीपुरम में यात्रा :
कांचीपुरम, जो एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र है, में यात्रा के समापन के अवसर पर विशेष आयोजनों का आयोजन किया जाएगा। यहाँ पर संगत पंगत के साथ विशेष पूजा और सामाजिक समारोह आयोजित किए जाएंगे, जिससे समाज में सामाजिक समरसता और सहयोग की भावना को बढ़ावा मिलेगा।
इस यात्रा के माध्यम से भारतीय समाज में भेदभाव, असमानता, और सामाजिक अन्याय के खिलाफ एकजुट होकर काम करने का संदेश दिया जा रहा है। कांचीपुरम में 12 नवंबर को यात्रा के पांचवें चरण के समापन से भारतीय समाज में जागरूकता और सामाजिक परिवर्तन की नई दिशा मिलेगी।
“राष्ट्रीय संगत – पंगत जन जागरण रथ यात्रा”
संस्थापक: डॉ. आर. के. सिन्हा (पूर्व राज्यसभा सांसद)
राष्ट्रीय संयोजक: श्री आलोक संजर (पूर्व सांसद)
यात्रा प्रमुख: इंजी. मयंक श्रीवास्तव
संगठन मंत्री: मनोज श्रीवास्तव (मिर्ज़ापुर)
राष्ट्रीय संगत पंगत जन जागरण रथ यात्रा, जो 2 अक्टूबर 2024 से शुरू हुई है, एक ऐतिहासिक और सामाजिक पहल है, जिसका उद्देश्य भारतीय समाज में सामाजिक समरसता, एकता और जागरूकता फैलाना है। इस यात्रा का नेतृत्व डॉ. आर. के. सिन्हा (पूर्व राज्यसभा सांसद) के द्वारा किया जा रहा है, और यह यात्रा भारतीय समाज को संगठित करने और समाज के विभिन्न वर्गों को एक साथ लाने के लिए शुरू की गई है।
यात्रा के राष्ट्रीय संयोजक श्री आलोक संजर (पूर्व सांसद) हैं, और इस अभियान को सफल बनाने के लिए इंजी. मयंक श्रीवास्तव को यात्रा प्रमुख नियुक्त किया गया है। यात्रा के दौरान संगठन के विभिन्न महत्वपूर्ण सदस्य भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
कोर कमेटी के सदस्य:
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रत्ना सिन्हा
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मेजर श्याम श्रीवास्तव
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वेद आशीष श्रीवास्तव (भोपाल)
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मनोज लाल (लखनऊ)
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ज्योति श्रीवास्तव (देहरादून)
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राजेश श्रीवास्तव (बच्चा भैया)
यह रथ यात्रा 2 अक्टूबर 2024 को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न स्वर्गीय श्री लाल बहादुर शास्त्री जी के जन्मस्थल मुगलसराय, वाराणसी से प्रारंभ हुई थी और इसके प्रत्येक चरण में प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों और महापुरुषों की पुण्यतिथियों पर यात्राएँ आयोजित की जा रही हैं। यात्रा का प्रमुख उद्देश्य समाज में भेदभाव, असमानता और सामाजिक अन्याय के खिलाफ जागरूकता फैलाना है।
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