अजीत सिन्हा, दिल्ली सम्पादक, कायस्थ न्यूज की रिपोर्ट
नई दिल्ली – दिनांक 11 अक्टूबर 2024 को लोकनायक जयप्रकाश अंतरराष्ट्रीय अध्ययन विकास केंद्र एवं राष्ट्रीय संगत पंगत के संयुक्त तत्वावधान में जेपी स्मृति पार्क , बहादुर शाह ज़फ़र मार्ग , पर नई दिल्ली में भारत के महान् स्वतंत्रता सेनानी एवं संपूर्ण क्रांति के प्रणेता लोकनायक जयप्रकाश नारायण की 122वीं जयंती समारोह वृहत स्तर पर मनाई गई। इस कार्यकर्म को मुख्य अतिथि के रूप में भारत सरकार के केंद्रीय शहरी विकास मंत्री माननीय श्री मनोहर लाल खट्टर ने जेपी की भव्य प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित किया। इस अवसर पर उन्होंने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण समाज के सभी वर्गों के हिमायती थे, उनके विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक है , जितना उस समय थे। जेपी एक अकेले ऐसे राजनेता थे जिन्होंने कभी भी पद प्रतिष्ठा की लालसा नहीं की और देश की आजादी और आजाद भारत में सरकार की तानाशाही के खिलाफ रहे और भारत में लोकशाही की स्थापना की।श्री मनोहर लाल खट्टर ने जेपी स्मृति पार्क के रख रखाव पर उपस्थित लोगों का ध्यान आकर्षित करते हुए यह भी आश्वासन दिया कि संस्था एक समिति बनाकर केन्द्र सरकार को पहल करे तो इस जेपी स्मृति उद्यान का रख रखाव एवं पर्यटन स्थल के रुप विकसित किया जाएगा।सके पूर्व लोकनायक जयप्रकाश अंतरराष्ट्रीय अध्ययन विकास केंद्र के राष्ट्रीय महासचिव अभय सिन्हा ने बताया कि भारत की राजधानी दिल्ली में पिछले 24 वर्षों से संस्था 11 अक्टूबर को जेपी जयंती समारोह , 5 जून को संपूर्ण क्रांति दिवस , 8 अप्रैल को जेपी आंदोलन दिवस एवं 8 अगस्त को अगस्त क्रान्ति दिवस का आयोजन लगातार किया गया है। श्री सिन्हा ने आज के नौजवानों से अपील किया की आज भी जेपी की संपूर्ण क्रांति की विचारधारा लोगों के मन में जीवित है , इस आन्दोलन को धार देने के लिए आप आगे आएं। उन्होंने कार्यकर्म में आए सभी लोगों के प्रति ह्रदय से आभार व्यक्त किया।कार्यकर्म के अध्यक्ष पूर्व सांसद राज्यसभा एवं राष्ट्रीय संगत पंगत के संस्थापक श्री आर के सिन्हा ने कहा कि जेपी देश के ऐसे महान् नेता रहे जो कभी भी किसी विधान सभा या लोकसभा में नहीं गए लेकिन राजनीति में उनका कद इतना बड़ा था की जब उस समय देश की प्रधान मंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी जब देश में आपातकाल लागू की तो जेपी ने पूरे देश में भ्रमण कर लोकशक्ति को इकट्ठा कर एक ऐसा माहौल बनाया जो कालांतर में इंदिरा गांधी को घुटने टेकने को मजबूर होना पड़ा और अन्ततः लोकशाही की जीत हुई।इस सभा को प्रख्यात पत्रकार एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के अध्यक्ष पदमश्री राम बहादुर राय , देश के जाने माने पत्रकार एवं लेखक श्री सुधांशु रंजन , अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के अध्यक्ष एवं पूर्व आई आर एस अधिकारी डॉ. अनुप श्रीवास्तव , भारत तिब्बत समन्वय केन्द्र के दलाई लामा के प्रसिद्ध अनुनायी आचार्य फैंस्टोक , सुप्रीम कोर्ट के गवर्नमेंट काउंसिल डॉ. ए पी सिंह , भोजपुरी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अशोक श्रीवास्तव , राष्ट्रीय कायस्थ महापरिषद के अध्यक्ष श्री मयंक श्रीवास्तव , अखिल भारतीय सेवा दल के अध्यक्ष श्री राम नगीना सिंह , आर्ट एंड कल्चरल ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ शूल पाणी सिंह, राष्ट्रीय संगत पंगत के श्री अनुरंजन श्रीवास्तव ने कार्यकम को संबोधित किया। इसके पूर्व कथक गुरु नृत्यांगना श्रीमति प्रभा दूबे और उनकी शिष्या के द्वारा संस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। जबकि कार्यकर्म का संचालन श्रीमती रंजीता श्रीवास्तव ने किया और धन्यवाद ज्ञापन संगत पंगत की श्रीमती रत्ना सिन्हा ने किया। इस कार्यकर्म में दिल्ली एवं एनसीआर से भारी संख्या में लोग शामिल हुए।
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