पितृ पक्ष में पितरों का श्राद्ध और तर्पण करने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और जातक को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस साल पितृ पक्ष 17 सितंबर से शुरू होगा और 02 अक्टूबर को समाप्त होगा। पितृ ऋण से मुक्ति के लिए सर्व पितृ अमावस्या के दिन भगवान श्री चित्रगुप्त जी से प्रार्थना करना आवश्यक है।
पितरों का श्राद्ध कैसे करें?
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सुबह जल्दी उठें और स्नान करें।
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जल में काले तिल मिलाकर सूर्य देव को अर्पित कर तर्पण करें।
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पितरों के लिए भोजन बनाएं और तर्पण करें।
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तर्पण में अक्षत, जौ और काले तिल शामिल करें।
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पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति के लिए कामना करें और मंत्रों का जप करें।
पितृ ऋण से मुक्ति के लिए सर्व पितृ अमावस्या के दिन क्या करें?
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सर्व पितृ अमावस्या के दिन भगवान श्री चित्रगुप्त जी से प्रार्थना करें।
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विधि विधान से श्री चित्रगुप्त जी की पूजन अर्चन कर।
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मंत्रों का जाप करें।
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ॐ यमाय धर्मराजाय श्री चित्रगुप्ताय वै नमः
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मसिभाजनसंयुक्तं ध्यायेत्तं च महाबलम्। लेखिनीपट्टिकाहस्तं चित्रगुप्तं नमाम्यहम्
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ॐ श्री चित्रगुप्ताय नमः
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भगवान श्री चित्रगुप्त जी की पूजा के बिना पितृ ऋण से मुक्ति नहीं मिलती और न पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
पितृ ऋण क्या है?
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धर्म के अनुसार तीन ऋण मुख्य माने गए हैं – देव ऋण, ऋषि ऋण और पितृ ऋण।
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पितृ पक्ष में पितरों का श्राद्ध, तर्पण, दान, पूजा करने से दो ऋण देव और ऋषि ऋण में लाभ मिलता है।
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परंतु जब तक भगवान श्री चित्रगुप्त जी से प्रार्थना न की जाती है, तब तक पितृ ऋण से मुक्ति नहीं मिलती और न पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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