सेवा में
श्री नरेन्द्र मोदी जी
प्रधानमंत्री महोदय,
भारत सरकार,
नई दिल्ली
समर्थनपत्र
2 जुलाई को राष्ट्रपति और 8 जुलाई को पंकज भईया कायस्थ – वाहिनी प्रमुख – ,कायस्थ वाहिनी अंतर्राष्ट्रीय द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे पत्र को और बहुत सामाजिक संगठनों के समर्थनों को सज्ञान लेने पर यह समझ आता है ।
दरअसल भारत की सनातन जनता शुरू से ही वेद और पुराणों में वर्णित तथ्यों के आधार पर आस्थावान रही है। तभी इतनी बड़ी संख्या में लोग सृष्टि के प्रथम न्यायाधीश को न्यायालय में स्थापित करने हेतु ऐसा प्रदर्शन कर पा रहे हैं।
आप और आपके मंत्रिमंडल द्वारा 1 जुलाई को न्यायालय के नाम और धाराओं में सुधार किया गया है उसी से हम सभी का आत्मबल बढ़ा है।
इस मुहिम का हम और हमारा दल समर्थन करते हैं और न्यायालयों में न्याय के देवता भगवान चित्रगुप्त की मूर्ती की स्थापना होनी ही चाहिए ।
दरअसल इस मुद्दे पर बार-बार बात कर इसे बहुत ही संवेदनशील बना दिया गया है।
आपसे सादर अनुरोध है इस पर ध्यान केंद्रित करते हैं तो हम आभारी रहेंगे ।
धन्यवाद l
अशोक कुमार (गर्दनीबाग)
प्रांतीय प्रमुख विश्व सनातन संघ
राष्ट्रीय सचिव अखिल भारतीय कायस्थ महासभा
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