अतुल उर्फ आदि श्रीवास्तव हत्याकांड – अखिल भारतीय कायस्थ महासभा को मिली पहली सफलता, मुख्य अपराधी गाँधी चौधरी गिरफ्तार

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आखिर कायस्थ महासभा और भुक्तभोगी के परिजनों की मेहनत रंग लाई
दिल्ली – रोहतास जिले के अमियावर गाँव की चर्चित अतुल उर्फ आदित्य उर्फ आदि श्रीवास्तव हत्याकांड से जहां कायस्थ समाज के लोंगो की खून उबाल पर थी और अपराधियों की गिरफ्तारी में देर होने से असंतोष की ज्वाला भड़क रही थी वहीं परिजन भय के साए में जीकर शासन – प्रशासन से न्याय की भीख मांग रहे थे और लग रहा था कई हत्याकांडों की तरह भी ये हत्याकांड भी पुलिस – प्रशासन की उदासीनता की प्रतीक बन जाएगी लेकिन कहा जाता है कि जहां एकता प्रदर्शित हो वहां क्या नहीं हो सकता?
विदित हो कि 30 जून को कायस्थ समाज के नवयुवक जिम संचालक अतुल श्रीवास्तव उर्फ आदि की हत्या स्थानीय दबंग बालू माफिया गांधी चौधरी और उसके गुर्गों द्वारा कर दी गई थी जिससे उनके गाँव और जिलों के लोग सन्न रह गये और लोंगो ने मिलकर स्थानीय विधायक के नेतृत्व में अपनी प्रतिकार मार्च भी निकाली लेकिन अपराधियों की गिरफ्तारी न होने से लोंगो में रोष बढ़ती जा रही है थी लेकिन अंततोगत्वा ये मैटर समाजसेवी संजय रघुवर, सदस्य अखिल भारतीय कायस्थ महासभा राष्ट्रीय कार्यकारिणी, बिहार द्वारा अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के पास आई जिस पर संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अनूप श्रीवास्तव ने तुरंत अपने प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी अजीत सिन्हा को एक ग्रुप की फॉर्मेशन करने की बात कही और उस ग्रुप में परिजनों को जोड़ा गया और उनसे सभी बातों को समझने के उपरांत अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु प्रयास प्रारंभ हुये जिसके अंतर्गत सबसे पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अनूप श्रीवास्तव द्वारा मुख्यमंत्री के नाम चिट्ठी लिखी गई और इसकी प्रतिलिपि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी , गृह मंत्री श्री अमित शाह जी, गवर्नर बिहार आदि को भेजी गई जिसमें ये आग्रह की गई कि अपराधियों की अविलंब गिरफ्तारी हो और इसके दो दिन बाद राष्ट्रीय प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी अजीत सिन्हा द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अनूप श्रीवास्तव जी की सहमती से शासन – प्रशासन को 48 घंटे की अल्टीमेटम से संबंधित ब्यान जारी की गई कि यदि अगले 48 घंटों में मुख्य अपराधी गांधी चौधरी की गिरफ्तारी नहीं होती है तो अखिल भारतीय कायस्थ महासभा राजधानी पटना में अपनी प्रतिकार मार्च कर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपेगी और इस बीच राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अनूप श्रीवास्तव और कार्यकारी अध्यक्ष ब्रिगेडियर अनिल श्रीवास्तव ने बिहार के डी. जी. पी. /एस. पी. और स्थानीय थानेदार से बात की और उनके द्वारा जल्द ही अपराधियों को गिरफ्तार करने का आश्वासन मिला, कई मेल प्रशासनिक अधिकारियों को किये गये, ट्विटर के माध्यम से पी. एम. ओ. /एच. एम. ओ. /सी. एम. ओ. आदि को भुक्तभोगी परिवार को न्याय दिलाने हेतु बातें पहुंचाई गई और कल तीन बार पुलिस महानिदेशक से राष्ट्रीय अध्यक्ष की बात हुई और इसके पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष ब्रिगेडियर अनिल श्रीवास्तव ने डी. जी. पी. क्राइम /डी. जी. पी. बिहार /एस. पी. रोहतास और थानेदार अमित कुमार से बात की और अपराधियों की अविलंब गिरफ्तारी हेतु उन पर दबाव डाला जिसका परिणाम ये हुआ कि 36 घंटे के अंदर ही मुख्य अपराधी की गिरफ्तारी हो गई जिसकी सूचना महासभा को भुक्तभोगी के परिजन नीलेश जी के माध्यम से प्राप्त हुई।
कहने का तात्पर्य यह है कि अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अनूप श्रीवास्तव और कार्यकारी अध्यक्ष ब्रिगेडियर अनिल श्रीवास्तव और भुक्तभोगी के परिजनों, समाजसेवी संजय रघुवर, सदस्य राष्ट्रीय कार्यकारिणी, बिहार और राष्ट्रीय प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी अजीत सिन्हा के अथक प्रयास से अखिल भारतीय कायस्थ महासभा को पहली सफलता मिली है जो कायस्थों की एकता की प्रतीक है और भविष्य में यही एकता समाज के उत्थान की नई कहानी लिखेगी, किसी शायर ने ठीक ही कहा है कि कौन कहता है कि आसमां में छेद नहीं होता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों अर्थात्‌ प्रयास में ही सफलता छुपी होती है और पहली सफलता मिलने से आगे अपराधियों की मृत्यु दंड की नींव को रखेगी और अन्य बचे अपराधियों की गिरफ्तारी जो बची है उसके लिए प्रशासन प्रयासरत है और अखिल भारतीय कायस्थ महासभा उनकी गिरफ्तारी हेतु अपनी आवाज बुलंद करती रहेगी लेकिन जब तक अपराधियों को मृत्युदंड प्राप्त नहीं होती और परिजनों को डेढ़ करोड़ की मुआवजा नहीं मिलती तब तक अखिल भारतीय कायस्थ महासभा परिजनों के संग मिलकर न्याय की लड़ाई को लडती रहेगी।
अभी लड़ाई अधूरी है जिसे करनी पूरी है
कायस्थ एकता जिंदाबाद, अखिल भारतीय कायस्थ महासभा जिंदाबाद, राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अनूप श्रीवास्तव और कार्यकारी अध्यक्ष ब्रिगेडियर अनिल श्रीवास्तव जिंदाबाद
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