पढ़ें अंतर्राष्ट्रीय कायस्थ महिला काव्य मंच की युवा कवियित्री श्वेता श्रीवास्तव की रचना: जिंदगी से रङ

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एक जिद्दी परिंदा बनो 

ख्वाहिशों के आसमाँ में सैर करो 

अपने रास्ते इस तरह बनाओ 

कि औरों के जिंदगी के मिसाल बनो 

 

आ जाये आँधी चाहे जितने तूफान 

अपने मंजिल को पाने का जुनून रखो 

जब भी हो मन हताश तुम्हारा 

तो माँ बाप के प्रति फर्ज देखो 

 

मुश्किल है जिंदगी का हर सफर 

सोच समझकर रखो हर कदम 

मिलेगी मंजिल जरूर एकदिन 

हौसले से भरी उड़ान जारी रखो 

 

हरा ना पाये कोई मुस्किल कभी 

भगवान का दामन थामे रखो 

सच्चे रास्ते पर चलते रहो 

ठोकरों से मन को निराश ना करो 

 

हो अगर मन अशांत कभी 

बीते दिनों के मुश्किल हालात देखो 

मिलेगी हिम्मत अपने आप 

बस उम्मीदों का दामन थामे रखो 

कुछ नहीं मुश्किल इस जहां में 

बस कर्मों पर ध्यान रखो 

निकालोगे खुद को हर मुश्किल से 

बस इतना दृढ़ विश्वास दिखाओ 

 

करोगे हर मुश्किल आसान एक दिन 

खुद पर बस यकीन ये रखो 

मिलेगी हर एक मंजिल तुमको 

बस जिद्दी परिंदे की तरह ज़ज्बा तो रखो

 

????श्वेता श्रीवास्तव मऊ उत्तरप्रदेश

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