अखिल भारतीय कायस्थ महासभा में राष्ट्रीय अध्यक्षों का ऐतिहासिक सफर: 1998 से लेकर 2024 तक

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अखिल भारतीय कायस्थ महासभा में राष्ट्रीय अध्यक्षों का ऐतिहासिक सफर: 1998 से लेकर 2024 तक
अखिल भारतीय कायस्थ महासभा का नेतृत्व समय-समय पर कई सक्षम और समर्पित नेताओं के हाथों में रहा है। आइये जानते हैं कि यह यात्रा कैसे शुरू हुई और अब तक के प्रमुख राष्ट्रीय अध्यक्षों के योगदान को।
कैलाश नारायण सारंग (1998-2018)
अखिल भारतीय कायस्थ महासभा में राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में कैलाश नारायण सारंग का योगदान अनमोल रहा। 1998 में वाराणसी में उन्हें पहली बार राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। उनके कार्यकाल में महासभा ने कई महत्वपूर्ण मोर्चों पर काम किया और कायस्थ समाज की एकता को मजबूती दी। उनका कार्यकाल 2008 से 2018 तक रहा, जो संगठन की मजबूती और विस्तार के लिए ऐतिहासिक था।
रविनंदन सहाय (2018-2021)
2018 में भोपाल में हुए चुनावों में रविनंदन सहाय को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। उनके कार्यकाल में महासभा ने समाज के विकास और सशक्तिकरण की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। उनका कार्यकाल 2021 तक रहा, जिसमें कायस्थ समाज की विभिन्न पहलुओं पर काम हुआ।
चौधरी जितेन्द्रनाथ सिंह (2021-2024)
2021 में इलाहाबाद में आयोजित चुनाव में चौधरी जितेन्द्रनाथ सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में चुना गया। उनका कार्यकाल 2024 तक रहा, जिसमें उन्होंने महासभा के कार्यों को और विस्तार दिया और समाज में जागरूकता बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत की। उनके नेतृत्व में कायस्थ समाज ने एकजुट होकर कई सामाजिक, शैक्षिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया।
डॉ. अनूप श्रीवास्तव (2024-वर्तमान)
2024 में दिल्ली में हुए चुनाव में डॉ. अनूप श्रीवास्तव को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। वे वर्तमान में राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में महासभा नए आयाम छूने की ओर अग्रसर है और समाज के उत्थान के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। उनकी योजना में कायस्थ समाज की एकता, शिक्षा और सामाजिक कार्यों को प्रमुखता दी जा रही है।
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