गणतंत्र दिवस, जो प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है, भारतीय इतिहास में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है। यह दिन 1950 में भारत के संविधान के लागू होने के बाद पहली बार मनाया गया, जब हमारे देश ने अपनी स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद लोकतांत्रिक तरीके से अपने शासन व्यवस्था का निर्माण किया। यह दिन भारतीय राष्ट्रीयता और लोकतंत्र की शक्तियों को प्रदर्शित करने का प्रतीक है।
26 जनवरी 1950 को जब डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली और राष्ट्रीय ध्वज फहराया, तो यह घटना देशवासियों के लिए गर्व का क्षण था। इसके साथ ही भारतीय संविधान को लागू करने का सफर शुरू हुआ, जिससे नागरिकों को उनके मूल अधिकार, स्वतंत्रता, और समानता सुनिश्चित हुई। यह संविधान एक मजबूत लोकतांत्रिक प्रणाली का आधार बना, जिसमें भारत के प्रत्येक नागरिक को अपने अधिकारों और कर्तव्यों को समझने का मौका मिला।
गणतंत्र दिवस सिर्फ एक राष्ट्रीय अवकाश नहीं है, बल्कि यह हमें हमारे संविधान, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, और लोकतंत्र के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को याद दिलाता है। यह दिन हर भारतीय के लिए गर्व और प्रेरणा का स्रोत है।
गणतंत्र दिवस का यह पर्व हमें यह याद दिलाता है कि हम सभी भारतीय नागरिक हैं और हमें अपने संविधान के तहत दिए गए अधिकारों का सही उपयोग करना चाहिए ताकि हम अपने देश की प्रगति में योगदान दे सकें।
वेद आशीष श्रीवास्तव
युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष
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