अजीत सिन्हा, सम्पादक, कायस्थ न्यूज, दिल्ली सम्पादक की रिपोर्ट
कईयों ने आपत्ति दर्ज कर रोष प्रकट की
नई दिल्ली – कहते हैं न कि नाम में क्या रखा है काम होनी चाहिये और इसी क्रम में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी ने मुगलों द्वारा भारत के शहरों – सड़कों की बदली गई नामों पर संज्ञान लेते हुए कई भारतीयों के नाम पर उनके नामों को बदली और मुगलों द्वारा छोड़ी गई छाप को मिटाने का प्रयास किया जिससे भारतीय जनता अभिभूत हुई और उन्हें अपने हृदय से धन्यवाद भी ज्ञापित किया और उनके द्वारा किये गये ऐसे कार्य की भूरि – भूरि प्रशंसा करना ही उचित होगा लेकिन नाम बदलते – बदलते वे अब सनातनियों के नाम को भी बदलने लगे हैं जो उनकी सनातन विरोधी छवि को दर्शा रही है और सनातन धर्म के एक वर्ग विशेष के कद को छोटा करने के लिए नये – नये उपक्रम कर रहे हैं जो कि सर्वथा अनुचित और निंदनीय है और इसके लिए विरोध के स्वर दिल्ली – वाराणसी के साथ पूरे देश में उठने लगे हैं।
विदित हो कि वाराणसी स्तिथ डॉ सम्पूर्णानंद स्पोर्ट्स परिसर का नाम बदलकर वाराणसी स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स कर दी गई है और उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल डॉ सम्पूर्णानंद जो वाराणसी से जन्म – मृत्यु का संबंध रखते हैं और उत्तरप्रदेश के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका को निभायें हैं और ये कायस्थ कुल गौरव के साथ राष्ट्र कुल गौरव भी हैं और उनके नाम को मिटाने की कुत्सित प्रयास वर्तमान मुख्यमंत्री योगी जी द्वारा की गई है जिसकी निंदा करते हुए अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह सेवानिवृत्त आई. आर. एस. प्रधान आयुक्त भारत सरकार डॉ अनूप श्रीवास्तव ने पुनः पूर्व के नाम को रखे जाने की गुहार मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश से उनको पत्र लिख कर की है। डॉ सम्पूर्णानंद की जीवन परिचय न सरकार से छुपी हुई है और न ही आमजन से, वे एक निर्भीक राजनेता ही नहीं थे अपितु अपने कायस्थ कुल और राष्ट्र की गौरव बढ़ाने वाले वैसे व्यक्तिव थे जिन्हें कायस्थ समाज के साथ वाराणसी के आमजन और देशवासियों को नाज़ है और ऐसे व्यक्तिव के नाम को मिटाने का प्रयास मुख्यमंत्री जी के कायस्थ विरोधी रवैय्या को दर्शाती है।
विदित हो कि चाहे कायस्थ समाज के नवयुवकों की हत्या का मामला हो या उत्तरप्रदेश के विधानसभा के चुनाव में कायस्थों को टिकट नहीं देने का मामला हो, प्रत्येक क्षेत्र में कायस्थों के पर कतरने का कार्य उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री जी कर रहे हैं और इस हेतु प्रारंभिक तौर पर डॉ अनूप श्रीवास्तव जी द्वारा लिखी गई पत्र उनके द्वारा की गई गलती को आईना दिखाने का कार्य करेगी और वे यदि गलती को सुधार लेते हैं तो अखिल भारतीय कायस्थ महासभा उन्हें साधुवाद देगी। परंतु सुधार नहीं करने पर कायस्थ समाज के साथ वाराणसी की जनता सड़कों पर उतरने को मजबूर होगी जिसकी आंच लखनऊ तक जाएगी। ऐसी अभिव्यक्ति राष्ट्रीय प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी अजीत सिन्हा ने व्यक्त की।
कायस्थों के मनोबल को तोड़ने और उनकी छवि मिटाने का कार्य भाजपा को आगामी चुनाव में भारी पड़ने वाली है क्योंकि अधिकतर आम कायस्थ हिन्दुत्व की खातिर भाजपा की झंडा ढ़ो रहा है और भाजपा को विजयी बनाने का कार्य करते चला आ रहा है लेकिन कायस्थ विरोधी रवैय्या भाजपा के पतन का भी कारण बन सकती है और इस पर माननीय प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी जी को विचार कर की गई गलती की सुधार करनी चाहिए। और इस संबंधित एक्स पर कई ट्वीट राष्ट्रीय अध्यक्ष अनूप श्रीवास्तव के साथ अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के कई पदाधिकारियों द्वारा की गई है जिसमें महिला राष्ट्रीय अध्यक्ष रिबू श्रीवास्तव और राष्ट्रीय प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी अजीत सिन्हा के नाम प्रमुख रूप से हैं और कल वाराणसी में कायस्थ नेत्री रिबू श्रीवास्तव और जिलाध्यक्ष, वाराणसी अखिल भारतीय कायस्थ महासभा अमित श्रीवास्तव के नेतृत्व में राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्वी उत्तरप्रदेश अध्यक्ष शेखर जी द्वारा निर्देशित एक चेतावनी रैली भी निकाली गई है जो बाद में बड़े का आकार ले सकती है यदि शासन द्वारा पूर्व के रखे नाम को पुनः स्वीकार नहीं की जाती है।
नाम को पुनः ठीक किये जाने संबंधित पत्र एम. एल. सी. आशुतोष सिन्हा और अन्तर्राष्ट्रीय कायस्थ संघ के अध्यक्ष दिनेश खरे जी के साथ कई कायस्थ और सनातनी संगठनों द्वारा भी लिखी गई है।