पूर्व राज्यसभा सांसद आर. के. सिन्हा जी के नेतृत्व में साक्षेपण की उड़ान संगत – पंगत कार्यक्रम कायस्थों की एकता के साथ संपन्न
अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अनूप श्रीवास्तव और राष्ट्रीय प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी अजीत सिन्हा सहित कई माननीय कायस्थों ने भी शिरकत की
पूर्व लोक सभा सांसद भोपाल आलोक संजर सहित मुख्य सम्पादक, कायस्थ न्यूज वेद प्रकाश जी ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करायी
संत और हिन्दू महासभा के चक्रपाणी जी महाराज और सुभाषवादी समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव जी की भी गरिमामयी उपस्थिति रही ।
नई दिल्ली – 141 नॉर्थ एवेन्यू, नई दिल्ली जहां पूर्व राज्यसभा सांसद विराजते हैं एक बार फिर गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी संगत – पंगत कार्यक्रम साझेपन की उड़ान की गवाह बनी। हालांकि कार्यक्रम 7 बजे संध्या से शुरू होने वाली थी लेकिन कतिपय कारणों से 8 बजे शुरू हुई लेकिन कार्यक्रम की आगाज परब्रह्म स्वरुप श्री चित्रगुप्त भगवान जी के आरती और पुष्पांजलि से हुई। तत्पश्चात् गीत – संगीत की कार्यक्रम सुश्री कायस्थ भगिनी सृष्टि के गायन से हुई जिससे कार्यक्रम में चार – चांद लगी।
सर्वप्रथम पूर्व लोकसभा सांसद आलोक संजर जी ने कायस्थों के गौरवशाली और स्वर्णिम इतिहास पर अपनी प्रकाश डाली और अपनी सारगर्भित पन्क्तियों द्वारा ये बताने की कोशिश की कि कायस्थ कौन हैं? और उनके द्वारा दी गई जानकारी काबिल – ए – तारीफ रही।
उसके बाद कर्तव्य पथ का पथिक के 95 वर्षीय लेखक जो पहले भी आडवाणी के साथ 32 साल नामक किताब लिख चुके हैं विशम्भर श्रीवास्तव जी ने अपनी जीवन यात्रा के बारे में तथ्यात्मक बातों को रखी और उसके बाद उनकी दूसरी किताब कर्तव्यपथ का पथिक की विमोचन मंचासीन माननीयों द्वारा हुआ जिसमें पूर्व राज्यसभा सांसद आर. के. सिन्हा, अखिल भारतीय कायस्थ महासभा और राष्ट्रवादी विकास पार्टी के अध्यक्ष पूर्व आई. आर. एस. प्रधान आयुक्त भारत सरकार डॉ अनूप श्रीवास्तव, चर्चित संत चक्रपाणी जी महाराज, सुभाषवादी भारतीय समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और संगत – पंगत के कार्यक्रमों में महत्तवपूर्ण भूमिका निभाने वाले अशोक श्रीवास्तव जी और लेखक विशम्भर श्रीवास्तव जी के कर कमलों द्वारा हुआ।
इसके बाद अशोक श्रीवास्तव जी ने संगत – पंगत के बारे में और डॉ अनूप श्रीवास्तव जी ने कायस्थों के भूत, वर्तमान और भविष्य के रूपरेखा की चर्चा की और आर. के. सिन्हा जी को डॉ राजेन्द्र प्रसाद, लाल बहादुर शास्त्री और जय प्रकाश नारायण जी का प्रतिबिंब बताया।
चक्रपाणी जी महाराज ने आर. के. सिन्हा जी को 12000 करोड़ की कंपनी के मालिक के साथ कायस्थ समाज के निस्वार्थ भाव से सेवा करने वाले ऐसे सेवक बताया जिन्होंने अनेकों कायस्थों सहित सर्व समाज के लोंगो को नौकरी दी है। चक्रपाणी जी महाराज ने श्री चित्रगुप्त के प्रकटीकरण के बारे में सारगर्भित बातें रखी और कायस्थ समाज को सर्व समाज का वैसा पोषक बताया जिन्होंने 700 सालों तक लगातार इस वसुधा पर राज कर सर्व समाज को आगे बढ़ाने का कार्य किया।
अंत में पूर्व राज्यसभा सांसद आर. के. सिन्हा जी समय अधिक होने के कारण कम बातों को रखते हुए सभी की धन्यवाद ज्ञापित किया और संगत – पंगत के आगे के कार्यक्रमों में आने का न्योता दिया।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में रत्ना सिन्हा, अनुरंजन श्रीवास्तव, राहुल श्रीवास्तव और क्षितिज श्रीवास्तव की प्रमुख भूमिका रही।
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