श्री चित्रगुप्त पीठ की विशेषताएं
यहाँ पर तीन तलीय मंदिरों के साथ-साथ जल परिक्रमा, नक्षत्र वाटिका, गुरुकुल विद्यालय, पुस्तकालय, आश्रम, घर आँगन, ध्यान केंद्र, पंच कर्मा आदि स्थान भी बनाया जाना प्रस्तावित हैं।
भगवान श्री चित्रगुप्त जी मंदिर :
प्रथम तल पर भगवान श्री चित्रगुप्त जी, दोनों माताए और 12 पुत्रों के साथ विराजमान होंगे ।
द्वितीय तल :
भगवान पशुपति नाथ और भगवान खाटू श्याम जी द्वितीय तल पर विराजित होंगे ।
तृतीय तल :
भगवान राधा कृष्ण जी के मंदिर के साथ साथ गोवर्धन पर्वत मंदिर भी तृतीय तल होगा ।
जल परिक्रमा :
मंदिर भवन के चारों और गोल आकार का एक कुंड बनाया जाएगा जिसके मध्य मे ही मंदिर भवन होगा। इस कुंड मे मुख्य नदियों के जल को संग्रहीत किया जाएगा। ताकि आपको एक ही स्थान पर पवित्र नदियों के दर्शन हो जाए ।
नक्षत्र वाटिका :
मंदिर परिक्रमा मार्ग मे 27 वृक्ष होंगे प्रत्येक वृक्ष एक नक्षत्र के लिए होगा।
आश्रम :
मंदिर के बायी और आश्रम, घर आँगन, पंचकर्मा, प्राकृतिक चिकित्सा, पुस्तकालय, आयुर्वेदिक चिकित्सालय, योग केंद्र व ध्यान केंद्र होगा।
गुरुकुल :
मंदिर के दायी और गुरुकुल विद्यालय होगा, जिसमे वेदिक शिक्षा, सनातनी शिक्षा के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा भी दी जाएगी।
शोध केंद्र :
पुस्तकालय मे भगवान श्री चित्रगुप्त जी से संबंधित चित्रांश बंधुओ के द्वारा जो भी शोध किए गये हैं उनकी जानकारी प्राप्त हो सकेगी । आपके पास भी यदि कोई सटीक जानकारी हो तो आप भी जमा करा सकेंगे ।
मंत्र लेखन महा बैंक :
साथ मे यहा पर साधकों के द्वारा प्रतिदिन लिखे जा रहे मंत्रों को जमा करने हेतु महा बैंक की स्थापना भी की जाएगी ।
ॐ यमाय धर्मराजाय श्री चित्रगुप्ताय वै नमः”
एक करोड़ मंत्र पर विराजित होंगे भगवान श्री चित्रगुप्त जी
भगवान श्री चित्रगुप्त शोध चिंतन मंत्र लेखन अभियान द्वारा प्रतिदिन चित्रांश बंधुओ से मंत्र लेखन का एक पुण्य कार्य करवाया जाता हैं। सभी बंधु घर बैठे ही मंत्र लेखन पुस्तिका मे मंत्र लिखते हैं और उन्हे विभिन्न माध्यमों से हमारे पास पहुचाते है। ताकि प्रतिदिन के मंत्रों की गणना की जा सके ।
मंदिर निर्माण पूर्ण होने पर जब भगवान श्री चित्रगुप्त जी को विराजित किया जाएगा तब मंत्र साधकों द्वारा जो पुस्तिका मे मंत्र लेखन किया गया हैं उन्हे भगवान के आसान के नीचे रख और पर भगवान श्री चित्रगुप्त जी को विराजित किया जाएगा । साथ ही मे यहा पर महा मंत्र लेखन बैंक की स्थापना भी की जाएगी ।
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