नई दिल्ली : एक साल पहले 23 अगस्त 2023 को , चंद्रयान 3 के लॉन्च के साथ, इसरो की महिला साइंटिस्ट ऋतु करिधाल श्रीवास्तव ने इतिहास रच दिया। लखनऊ में पली-बढ़ी ऋतु ने अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की और आज वह भारत की ‘रॉकेट वुमन’ के रूप में जानी जाती हैं।
बचपन से स्पेस साइंस में रुचि
ऋतु की बचपन से ही स्पेस साइंस में काफी रुचि थी। वह इसरो और नासा से जुड़ी खबरें पढ़ती थीं और स्कूल के दिनों में घंटों टेरेस पर बैठकर स्पेस से जुड़ी किताबें पढ़ती थीं। उनकी मैथ्स विषय में खास रुचि रही है और वह खुद को नंबरों से घिरा हुआ इमैजिन करती थीं और गणित पर ही कविताएं भी लिखती थीं।
शिक्षा और करियर
ऋतु ने महिला विद्यालय पीजी कॉलेज से बीएससी, 1996 में लखनऊ यूनिवर्सिटी से फिजिक्स विषय में एमएससी और बेंगलुरु के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में एमटेक किया है। उन्हें जल्द ही इसरो में नौकरी मिल गई थी और वह चंद्रयान 3 मिशन की डायरेक्टर बनीं। इससे पहले वह मंगलयान मिशन की डिप्टी ऑपरेशन डायरेक्टर भी रह चुकी हैं।
व्यक्तिगत जीवन
ऋतु के पति अविनाश श्रीवास्तव बेंगलुरु की एक कंपनी में कार्यरत हैं और उनके दो बच्चे हैं- आदित्य और अनीशा। उनका शेड्यूल इतना हेक्टिक हो जाता है कि ऑफिस से आने के बाद वह बच्चों की उनके होमवर्क में मदद करती हैं, घर के काम-काज पूरे करती हैं और फिर आधी रात से सुबह 4 बजे तक अपने ऑफिस का काम करती थीं।
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