डॉ. अनूप श्रीवास्तव के नेतृत्व में कायस्थ समाज का नया अध्याय, हरि शंकर श्रीवास्तव ने सुबोधकांत सहाय के पत्र पर जताई आपत्ति
कानपुर। वरिष्ठ कायस्थ समाज नेता और संरक्षक हरि शंकर श्रीवास्तव ने अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अनूप श्रीवास्तव के समर्थन में एक सशक्त बयान जारी किया है। यह बयान डॉ. सुबोधकांत सहाय द्वारा सोशल मीडिया पर जारी किए गए पत्र को लेकर आया है, जिसमें उन्होंने डॉ. श्रीवास्तव की नियुक्ति पर सवाल उठाए थे। श्रीवास्तव ने अपने बयान में कहा कि डॉ. अनूप श्रीवास्तव की नियुक्ति पूरी तरह से वैध और समाज के हित में है, और इसे नकारने वाले आरोपों को खारिज किया।
हरि शंकर श्रीवास्तव ने स्पष्ट किया कि सुबोधकांत सहाय का कार्यकाल समाप्त हो चुका है और वह अब किसी पद पर कार्य करने के अधिकृत नहीं हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सहाय वर्तमान में न्यायालयिक प्रक्रिया में हैं, और उनके द्वारा किए गए पत्राचार की वैधता पर सवाल उठते हैं। श्रीवास्तव ने डॉ. अनूप श्रीवास्तव की नियुक्ति को संस्थागत प्रक्रियाओं और कानूनी मार्गदर्शन के तहत पूरी तरह से मान्यता प्राप्त बताया।
इसके अलावा, श्रीवास्तव ने यह भी सवाल उठाया कि यदि सुबोधकांत सहाय को डॉ. अनूप श्रीवास्तव की नियुक्ति पर ऐतराज था, तो क्या उन्होंने पूर्व में की गई अन्य नियुक्तियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की है? विशेष रूप से उन नियुक्तियों को लेकर जो स्वयं उनके आदेश पर की गई थीं।
उन्होंने डॉ. अनूप श्रीवास्तव के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में कायस्थ समाज ने ऐतिहासिक आयोजन किए हैं, जिसमें 65 से अधिक कायस्थ संगठनों को एक मंच पर लाया गया। यह आयोजन समाज की एकता और शक्ति को दर्शाता है और इसे देशभर में सराहा गया है।
हरि शंकर श्रीवास्तव ने अंत में कहा कि अब समय आ चुका है कि समाज इस बदलाव को स्वीकार करे और डॉ. अनूप श्रीवास्तव के नेतृत्व में एक संगठित और सशक्त कायस्थ समाज का निर्माण हो। उन्होंने यह भी अपेक्षाएं जताई कि समाज की भलाई के लिए सभी को डॉ. अनूप श्रीवास्तव का समर्थन करना चाहिए और उनके नेतृत्व में कायस्थ समाज को एक नई दिशा की ओर बढ़ने दिया जाना चाहिए।
इस बयान से यह स्पष्ट हो गया कि वरिष्ठ कायस्थ समाज नेता डॉ. अनूप श्रीवास्तव के नेतृत्व में कायस्थ समाज को एक नई दिशा मिल रही है, और उनके कार्यों ने समाज में सकारात्मक बदलाव की लहर पैदा की है।