राजनैतिक भागीदारी पर विचार करें कायस्थ समाज – न्यायमूर्ति सुधीर कुमार सक्सेना

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लखनऊ – कायस्थ समाज हमेशा से ही पढ़ने-लिखने में आगे रहा है, लेकिन कुछ सालों से प्रशासनिक सेवाओं और सरकारी नौकरियों में कायस्थों की भागीदारी लगभग न के बराबर है। इसके अलावा राजनीति में कायस्थ समाज का प्रतिनिधित्व करने वालों की संख्या में भी काफी कमी है। कायस्थ समाज को संगठित होकर राजनैतिक भागीदारी पर विचार करना होगा।’ ये बातें रविवार को न्यायमूर्ति सुधीर कुमार सक्सेना ने अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संस्थान, गोमतीनगर में कायस्थ वाहिनी अंतरराष्ट्रीय इकाई की ओर से हुए कायस्थ परिचय एवं सम्मान समारोह कार्यक्रम में कही। इस मौके पर मौजूद पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन ने कहा कि कायस्थ समाज में ऐसे कार्यक्रम होते रहने चाहिए। ऐसे सम्मान समारोह समुदाय के लोगों के लिए प्रेरणा का काम करते हैं। हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. एके श्रीवास्तव ने कहा कि शहर में साढ़े तीन लाख कायस्थ हैं। कायस्थों की 18 समितियां हैं। सबको एकजुट होकर कायस्थों के लिए अच्छे काम करने होंगे। कार्यक्रम के दौरान हर क्षेत्र में बेहतरीन काम करने के लिए कायस्थ समुदाय से 15 लोगों को सम्मनित किया गया। इनमें न्यायमूर्ति सुधीर कुमार सक्सेना, पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन, डॉ. एके श्रीवास्तव, पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वीरेंद्र सक्सेना, भगवती प्रसाद खरे, कौशल किशोर श्रीवास्तव, ज्योति खरे शामिल हैं। कार्यक्रम में पंकज, दिनेश चंद्र खरे, न्यूटन किशोर सक्सेना ने अपने विचार रखे।

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